जय सिया राम

कौशल्या का वात्सल्य राम
दशरथ का  अभिमान राम
सीता का सम्मान है राम 
लक्ष्मण का भ्रातृत्व राम
लवकुश के  तेज में छिपा पितृत्व राम
अयोध्या की पहचान है राम
रण क्षेत्र का संग्राम है राम
गुरुओं की शिक्षा का अभिप्राय राम
मर्यादा का पर्याय राम
भक्तों के दुख का निवारण राम 
अंत है हर हृदय के रावण का राम
हिंदुत्व का आकार है राम
तो क्यों न भजे हम
राम का नाम , आठों याम।
श्री राम जय राम, जय जय राम।
श्री राम जय राम, जय जय राम।



Comments

Popular posts from this blog

Who is the Magician!

YOGA

खुद को ढूंढता .......