एक ख्वाहिश अधूरी सी

एक ख्वाहिश अधूरी रखना ज़िंदगी मे
बेमकसद ज़िंदगी, ज़िंदगी नही होती
सारी ख्वाहिशें पूरी हो जाएं, तो 
ज़िंदगी, जिंदगी नही होती।

अधूरी ख्वाहिश,दिल को चुभती है जरूर
ज़िंदा रहने का मक़सद वही बनती भी है हुजूर
इसलिए एक ख्वाहिश बचाकर रखना
दिल मे इक टीस छिपाकर रखना

हर रात सपनों में संजोना उसे,
वो हर पल तुम्हे जगाये रखेगी
न देखना कभी पर,निगाहों में रखना उसे।
एक ख्वाहिश ,अधूरी जरूर रखना ज़िंदगी मे,
जिसे पूरा करने की ख्वाहिश में 
जी लेना ज़िंदगी, यूँही हंसी हंसी में।







Raj


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